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हिन्दी साहित्य को उच्च शिखर पर करें स्थापित-मिथिलेश द्विवेदी
सोनभद्र (ब्यूरो)। सोन साहित्य संगम के बैनर तले बसंत पंचमी के अवसर पर सुदामा पाण्डेय ’धूमिल’ की पुण्यतिथि, महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी ’निराला’ व बालकवि वैरागी की जयन्ती रविवार को नगर स्थित कार्यालय पर राष्ट्रपति पुरस्कृत सेवानिवृत शिक्षक ओमप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में मनायी गयी। अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर तीनों महान साहित्य विभुतियों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। आयोजित विचार व काव्य गोष्ठी में वक्ताओं ने अपने ओजस्वी विचारों व काव्य रचनाओं के माध्यम से साहित्य मनीषियों के प्रति श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किया। बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ मान्यता प्राप्त पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि जनपद ने साहित्यकार और कवि महाप्राण निराला को अपने जीवन में उतारकर एक जना को मूर्त रूप देते हुए हिन्दी साहित्य को उच्च शिखर पर स्थापित करें। अध्यक्षता कर रहे श्री त्रिपाठी ने कहा कि देश, काल, परिस्थिति के अनुसार अपनी रचना द्वारा साहित्यकार समाज को एक दिशा देता है जिसका आलोक भविष्य के ज्ञान गंगा का आधार बनता है। उन्होंने अपनी एक रचना ’सफर जिंदगी का’ पढ़ते हुए अंतिम पंक्तियां सुनाई ’हम रहें न रहें उन्नत पथ पर कायम हिन्दुस्तान रहे।’ इस अवसर पर हरिशंकर देव पाण्डेय, सुशील ’राही’, डाॅ0 जटाशंकर देव पाण्डेय, कार्यक्रम संयोजक राकेश शरण मिश्र, दीपक केशरवानी, अमरनाथ ’अजेय’, प्रदुम्न त्रिपाठी, अशोक तिवारी, दीलिप सिंह ’दीपक’, प्रभात सिंह चंदेल, प्रमोद गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
