
योगी बजट गाँव, गरीब, किसान को निराश करने वाला
लखनऊ । राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने उ0प्र0 की योगी सरकार द्वारा पेश किये बजट को गांव, किसान, गरीब और नौजवान को मायूस करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट में कृषि के लिए कोई नई परियोजना नहीं है और न ही किसानों को सस्ती दरों पर सिचाई, खाद और बिजली देने का कोई प्राविधान किया गया है। बजट में प्रदेश के गन्ना किसानों के बकाया मूल्यों का मय ब्याज भुगतान करने का उल्लेख तक नहीं किया गया और न ही गेहूं धान किसानों के भुगतान का कोई उल्लेख है।
श्री दुबे ने बजट पर पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि कुम्भ में कैबिनेट बैठक में गंगा एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा करने वाली सरकार ने अपने बजट में धन आवंटित करना तो दूर गंगा एक्सप्रेस वे का जिक्र करना नहीं समझा और इससे लगता है कि योगी सरकार किसी गम्भीर प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं कर सकती है और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए जो आवंटित किया गया है उससे लगता है कि इस सरकार में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम पूरा ही नहीं हो पायेगा ।
उन्होंने कहा कि यह बजट मात्र आंकड़ों की बाजीगरी है। पिछले बजट से 12 फीसदी अधिक का बजट कहने वाली इस सरकार ने पिछला बजट 4 लाख 28 हजार करोड का पेश किया था तथा दो अनुपूरक बजट 39 हजार करोड और 11 हजार करोड के भी पास कराये थे उनका उल्लेख इस बजट में न करके कोरी लफ्फाजी ही की है।
रालोद के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने योगी सरकार के बजट को निराशाजनक बताते हुये कहा कि बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा व बुनियादी आवष्यकताओं की पूरी तरह से अनदेखी की गयी है। पिछले वर्ष के मुकाबले 12 प्रतिशत की बढोत्तरी का दावा थोथा है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि किसानों की आय दुगुनी कैसे होगी जबकि किसानों की फसल छुटटा जानवर ही चर जा रहे है। बरोजगारों को रोजगार कहां से मिलेंगे, बजट की भारी भरकम रकम की व्यवस्था किन श्रोतों से की जायेगी, कानून व्यवस्था व अपराध की रोकथाम के लिए भी बजट में कोई ठोस उपाय नहीं किये गये हैं। यह बजट पूरी तरह से आम जनमानस को जागी आंखों से सपने दिखाने का प्रयास है।
