
श्रीराम कथा के अन्तिम दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की अपार भीड़
डाला (सोनभद्र)। स्थानीय नई बस्ती में विश्व हिंदू परिषद के गिरिवासी बनवासी सेवा प्रकल्प के बैनर तले चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिन शुक्रवार को कथा वाचक दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने भगवान श्रीराम के वन जाने की कथा सुनाई।राम कथा के मुख्य अतिथि विहिप उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री अम्बरीश जी रहे। कथा के विस्तार में कथावाचक श्री भारद्वाज ने कहा कि अयोध्या के राजा दशरथ गुरू वशिष्ठ के परामर्श से प्रभु राजा राम के तीलक की तैयारी में जुटे थे। वहां की जनता खुशी में पटाखे फोड़ कर दिए जला रही थी। इधर मंथरा ने सबसे छोटी रानी कैकेयी के मन में विद्वेष की भावना पैदा कर दिया। कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वरदान के बदले राम को चैदह वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने की मांग रख दी। राजा दशरथ को कैकेयी की इच्छा जानकर काफी दुख हुआ। जब इसका पता प्रभु श्रीराम को हुआ तो वह माता पिता के आदेश को मानकर बनवास जाने लगे तो लक्ष्मण जी भी वनवास जाने की जिद करने लगे। अंत में प्रभु श्रीराम लक्ष्मण को मां सुमित्रा के आदेश पर साथ ले जाने के लिए तैयार हुए साथ में सीता मां भी भगवान श्री राम के साथ बन गमन को चल पड़ी। भगवान के बन गमन की कथा सुनकर श्रोता भावुक हो गए। इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक विद्याशंकर पांडेय, विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री नरसिंह त्रिपाठी, विहिप उत्तर प्रदेश सेवा प्रकल्प सेवा प्रमुख राधेश्याम द्विवेदी, जिला उपाध्यक्ष विशाल गुप्ता नगर अध्यक्ष नीरज द्विवेदी सह कार्यवाह रमेश जैन, विकास जैन, प्रशांत पाल, अवनीश पांडे, रजत, गंगासागर, पवन शर्मा, नीरज सिंह, सत्यदेव पाण्डेय, ओमप्रकाश तिवारी आदि उपस्थित रहे।
