
लंदन के नेहरु केंद्र में हुआ वातायन सम्मान समारोह
लंदन| यह वर्ष हिंदी भाषा के वैश्वीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष भारत एवं मॉरिशस सरकार द्वारा 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। वाणी फाउंडेशन के संरक्षण में ब्रिटेन की तीन संस्थायें | यू.के . हिंदी समिति, वातायन:पोएट्री ऑन साउथ बैंक एवं कृति यूके . हिंदी महोत्सव.2018 का आयोजन ब्रिटेन के चार शहरों में बड़ी धूमधाम से किया, जो एक प्रयास था भाषा और संस्कृति के विद्वानों और प्रतिष्ठित कलाकारों को हिंदी के विद्यार्थियों और युवाओं से जोड़ने का। अकादमिक सत्रों में गंभीर चर्चाओं, काव्य गोष्ठियों, पुस्तकों के विमोचन, पुस्तक.प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, हिंदी के छोटे बड़े विद्यार्थियों के कविता पाठ के अतिरिक्त इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण अंग रहा फ्रेडरिक पिनकॉट यू.के. अवॉर्ड.2014 से सम्मानितए वातायन : पोएट्री ऑन साउथ बैंक द्वारा हिंदी और संस्कृति की विभूतियों को सम्मानित करना।नेहरु केंद्र.लंदन के सह.निदेशक ब्रिज किशोर गोहेर के औपचारिक स्वागत भाषण एवं डॉ निखिल कौशिक, फिल्मकार, कवि एवं पेशे से नेत्र.सर्जन, की वंदना के पश्चात वातायन की अध्यक्ष एवं अकैडमी की निदेशक मीरा कौशिक ने वातायन के विषय में जानकारी दी। विशेष अतिथियों वीरेंद्र शर्मा, पार्षद, भारतीय उच्चायोग.लंदन के हिंदी अधिकारी, तरुण कुमार एवं अरुण माहेश्वरीए वाणी प्रकाशन के अध्यक्ष ने वातायन की संस्थापक दिव्या माथुर की सहायता से अंतर्राष्ट्रीय वातायन कविता पुरस्कार वितरित किए। कार्यक्रम का संचालन किया पद्मभूषण डॉ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित और यूके हिंदी.समिति के डॉ पदमेश गुप्त ने जो हिंदी समारोह.2018 के आयोजक भी हैं यतीन्द्र मोहन मिश्र ;वातायन कविता सम्मानद्धए डॉ कुसुम अंसल ;अंतर्राष्ट्रीय वातायन शिखर सम्मानद्ध कृष्ण कुमार गौड़ ;अंतर्राष्ट्रीय वातायन संस्कृति.सम्मानद्ध और श्रीमती सरोज शर्मा ;अंतर्राष्ट्रीय वातायन विशेष सम्मानद्ध से सुशोभित किया गया। स्थानीय लेखिकाओं . श्रीमती कादम्बरी मेहरा, अरुण सब्बरवाल, तिथि दानी ढोबले और इंदु बरोट ने प्रत्यय.पत्र पढ़े। महोत्सव की निदेशक एवं वाणी प्रकाशन.दिल्ली की अदिति माहेश्वरी में प्रतिष्ठित लेखक अनिल जोशी जो फिजी में चांसरी के प्रमुख एवं द्वितीय सचिव ;हिंदीद्वय जिन्होंने अपनी नई पुस्तकए प्रवासी लेखन : नई ज़मीन नया आसमान, वीरेंद्र शर्म, डॉ. निखिल कौशिक, डॉ पद्मेश गुप्त एवं दिव्या माथुर को भेंट की | कृष्ण कुमार गौड़ के उदगार के पश्चातए सम्मानित कवियों यतीन्द्र मोहन मिश्र एवं डॉ कुसुम अंसल ने अपनी कुछ लोकप्रिय रचनाएं सुनाईंए जिन्हें श्रोताओं ने करतल ध्वनि से सराहा और भारत से पधारे कवि शशांक प्रभाकर एवं डॉ शम्भू मनहर ने भी कविता पाठ किया। वातायन की कोषाध्यक्ष एवं लेखिका शिखा वार्ष्णेय ने ज्ञापन प्रस्तुत किया और श्रोताओं को शानदार जलपान के लिए आमंत्रित किया। स्थानीय कवियों, मीडिया,कर्मियों एवं कलाकारों के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में उपस्थित थे डॉ शाम मनोहर पांडेए डॉ अचला शर्मा, परवेज़ आलम, कृष्ण कुंजरू, उषा राजे सक्सेना, अरुणा अजितसरिया, सरोज श्रीवास्तव एवं भारत से पधारे बहुत से लेखकए जिनमें शामिल थीं नीलिमा डालमिया आधार, लेखिका मंजु लोधा।
दिव्या माथुर
